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इंदौर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर खरगोन हिंसा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यहां रामनवमी पर हुई हिंसा को रोक नहीं पाना शासन व प्रशासन की असफलता है। उन्होंने कहा कि इस हिंसा में शामिल दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम हो।
दिग्विजय सिंह मंगलवार को ईद के मौके पर इंदौर पहुंचे थे। यहां उन्होंने सुबह सदर बाजार मस्जिद में शहर काजी की अगवानी की और ईद की बधाई दी। इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि त्योहार मिलाप का है, सौहार्द बढ़ाता है। प्रेम और भाईचारा बढ़ाते हैं। सभी को मिलकर इसे मनाना चाहिए।
उन्होंने खरगोन दंगों को लेकर कहा कि यहां हिंसा के दो सप्ताह बाद भी कर्फ्यू लगा हुआ है। ईद के दिन ईदगाह में नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी गई। यह शासन-प्रशासन की असफलता है। लोगों में प्रेम, सद्भाव का भाव जो बिगड़ा हुआ है, प्रशासन वह नहीं सुधार पा रहा है। रामनवमी के दिन सुबह जूलुस निकला, जिसमें मुस्लिमों ने पानी पिलाया। वह प्रेम और सद्भाव के साथ खत्म हो गया था। फिर दूसरी बार जूलुस क्यों निकाला गया। इनके बाद नियमों को तोड़ा गया। इसकी जांच होनी चाहिए। जिन लोगों ने शहर का माहौल बिगाड़ने का काम किया है, जिन्होंने पत्थर फेंकें, जिन्होंने आग लगाई, जिन्होंने तलवारें मारी, उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि मेरे मुख्यमंत्री काल में जब बाबरी मस्जिद ढांचा ढहाया गया था, तो पूरे प्रदेश में कुछ घटनाएं हुई थी। लेकिन दंगा नहीं हुआ था। इसे हमारी सरकार ने संभाल लिया था। वहीं, लाउडस्पीकर को लेकर चल रहे विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि यह सब बकवास है। यह सभी जनता का ध्यान मूल मुद्दों से हटाकर दूसरी ओर करने के लिए किया जा रहा है। हर चीज के दाम आसमान छू रहे हैं। जनता महंगाई को लेकर त्रस्त है।
इंदौर की सदर बाजार ईदगाह पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शहर काजी इशरत अली की अगुवाई की और स्वागत किया। उन्होंने सभी को ईद की मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि ईद के मौके पर वह संयोग से इंदौर में थे और वह जहां भी रहते हैं, ईद मनाने के लिए ईदगाह में जाते हैं।
दिग्विजय सिंह के बयान पर भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देतेहुए कहा कि परशुराम जयंती और ईद के दिन भी जहरखुरानी की आदत से मजबूर आदमी शुभकामना और मुबारकबाद देने से ज्यादा खरगोन दंगों के जख्म कुरेद रहे हैं। एक बार फिर हिंदुओं पर आरोप लगा रहे हैं कि दंगा रामनवमी का जुलूस निकालने वालों की करतूत है। ये कांग्रेस के नेता से ज्यादा देवबंदी धड़े के मौलाना जैसा व्यवहार प्रदर्शित करते हैं।
MadhyaBharat
3 May 2022
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