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जिला प्रशासन अवैध उत्खनन पर है सख्त
उज्जैन में अवैध रेत खनन के खिलाफ प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। अवैध रेत खनन से सरकार को चूना तो लगाया ही जा रहा साथ ही पर्यावरण को भी नुक्सान पहुँच रहा है। गंभीर नदी से लगातार रेत खनन की सूचनाएं मिल रही थीं। अवैध रेत खनन करने पर बड़नगर एसडीएम निधि सिंह ने कार्रवाई की है। नलवा गांव नदी क्षेत्र में कुछ लोगों द्वारा नाव चलाकर अवैध खनन किया जा रहा था। जिसपर प्रशासन ने करवाई की। नाव को मौके पर ही जेसीबी से नष्ट करवा दिया गया । अवैध उत्खनन रोकने के कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश के बाद राजस्व और खनिज विभाग का अमला लगातार शिप्रा, गंभीर नदी पर निगाह रखे हैं। इसके बाद भी अवैध रेत खनन बंद होने का नाम नहीं ले रहा। नदी क्षेत्र में अवैध रेत खनन जारी है। पिछले माह भी रेत खनन करने पर दो नाव गंभीर नदी से जब्त की थी। आपको बता दें की रेत खनन से नदी की संरचना बिगड़ती है। पर्यावरण खराब होता है। काली मिट्टी, रेत की सतह छंटने से नदी में जमा पानी तेजी से जमीन में उरतना है। जिसे सीपेज का बढ़ना कहा जाता है। गंभीर बांध के अपस्ट्रीम में पानी तेजी से घटने एक यह एक प्रमुख कारण है। बताया जाता है पानी की चोरी भी होती हैं। पानी चोरी रोकने के लिए प्रशासन ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का अमला भी लगा रखा है, जो हर साल 10-12 मोटर पंप जब्त कर कार्रवाई दिखाता भी है। प्रशासन ने गंभीर और शिप्रा का पानी सिर्फ घरेलू इस्तेमाल के लिए संरक्षित घोषित कर रखा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अमला हर साल 10-12 मोटर पंप जब्त करता है। उल्लेखनीय है कि प्रशासन ने गंभीर और शिप्रा का पानी सिर्फ घरेलू इस्तेमाल के लिए संरक्षित घोषित कर रखा है। लेकिन उसके रेत माफिया अपनी से बाज नहीं आ रहे। आये दिन रेत चोरी की घटनाएं सामने आती हैं।
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