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जबलपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर अभद्र टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मंत्री राजा पटेरिया की जमानत अर्जी मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने भी खारिज कर दी है। इससे पहले पवई की तहसील कोर्ट ने भी उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय की शरण ली थी।
दरअसल, पूर्व मंत्री राजा पटेरिया ने पिछले महीने एक कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री के बारे में विवादास्पद टिप्पणी ''संविधान बचाने के लिए मोदी को मारने के लिए तैयार रहो। मोदी चुनाव खत्म कर देंगे। मोदी धर्म, जाति और भाषा के आधार पर बांटेंगे। दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों का भविष्य खतरे में है। अगर संविधान बचाना है तो मोदी को मारने के लिए तैयार रहो। उसे हराने के अर्थ में मारो।' उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पन्ना पुलिस ने पटेरिया के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इसके बाद पुलिस ने राजा पटेरिया को 13 दिसंबर 2022 को दमोह जिले के हटा कस्बे स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था और तभी से वह न्यायिक हिरासत में है। पन्ना जिले के पवई कस्बे की एक अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उनके वकीलों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की पीठ ने बीते रोज जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिया था।
अब उच्च न्यायालय ने पटेरिया की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि "सार्वजनिक नेता से यह उम्मीद नहीं की जाती है कि वह राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे उच्च पद के नेता की छवि को खराब करने वाली भाषा का इस्तेमाल करे और समाज में आतंक पैदा करे। एक जननेता के लिए देश के प्रधानमंत्री के लिए इस तरह की अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का कोई अवसर नहीं था।
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