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पुनीत करकरे (33) पीथमपुर की एक कंपनी में क्वालिटी मैनेजर थे। सिल्वर ऑक्स कॉलोनी में घर के सामने रहने वाले जैन परिवार से उनके परिवार का काफी मेल-जोल है। जैन परिवार के अजीत जैन (55) वैष्णव पॉलिटेक्निक कॉलेज में मैकेनिकल डिपार्टमेंट में HOD थे। 17 जनवरी की सुबह करीब 6.30 बजे वे उठे और पानी पिया। तबीयत बिगड़ी तो वापस जाकर बेड पर लेट गए। मां ने देखा कि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है। इस पर परिजन उन्हें यूनिक हॉस्पिटल ले गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। घटना से दुखी पुनीत भी उसी शाम बहन दीप्ति के साथ जैन परिवार को सांत्वना देने पहुंचे थे। यहां से वापस लौटने के बाद रात को घर आकर भोजन किया और परिवार के सभी लोगों को गुड नाइट कहकर सो गए। सुबह जब पत्नी जगाने गई तो पता चला कि नींद में ही उनकी मौत हो चुकी थी। उनकी मौत की वजह भी कार्डियक अरेस्ट को बताया गया। पुनीत की शादी आठ माह पहले ही हुई थी।जैन परिवार से मेल-जोल के चलते पुनीत काफी देर तक वहां बैठे रहे। उनकी काफी बातें भी हुईं, जिसमें पता चला कि स्व. जैन को किसी प्रकार की बीमारी नहीं थी और कुछ दिन पहले ही उन्होंने सारी जांच कराई थी तो सब कुछ सामान्य निकला था। पुनीत और बहन दीप्ति कुछ देर बाद घर लौटे। चूंकि पड़ोसी की मौत होने से मन खराब था तो उन्होंने रात को सिर्फ खिचड़ी खाई और दूध पिया था। फिर पिता और मां संगीता, पत्नी राजोल से रोज की तरह सामान्य बात की। सभी को गुड नाइट करके अपने बेड रूम में सोने चले गए।पत्नी राजोल के मुताबिक रोज सुबह पीथमपुर नौकरी पर जाने के लिए पुनीत सुबह करीब 7 बजे उठ जाते थे, लेकिन 18 जनवरी को सुबह नहीं उठे। इस पर वह उन्हें जगाने पहुंची तो उनकी बॉडी में कोई रिएक्शन नहीं हुआ। इस बीच परिवार के अन्य लोग भी उन्हें जगाने पहुंचे, लेकिन कोई मूवमेंट नहीं हुआ। इस पर उन्हें भी यूनिक अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट से दो घंटे पहले ही उनकी मौत हो चुकी है
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