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इन्द्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र दुर्लभ गिद्धों का बना बसेरा
bejapur, Indravati Tiger Reserve ,nest of rare vultures

बीजापुर। जिले के इन्द्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र में विलुप्त की कगार पर पहुंचे इन दुर्लभ हिमालयन ग्रीफन वल्चर गिद्धों की कुछ प्रजातियां इन दिनों इंद्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र में देखी जा रही है। इसके अलावा वाइट रम्पड़ वल्चर जिसे बंगाल का गिद्ध कहा जाता है, जो अफ्रीका और दक्षिण पूर्वी एशिया में पाया है उसका बसेरा भी इन दिनों इन्द्रावती टाइगर रिजर्व है। यहां इनके घोंसले भी मौजूद हैं, इनकी संख्या 150 से 160 के करीब हैं।

 

 

इन्द्रावती टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर धम्मशील ने रविवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इन गिद्धों की संख्या में वृद्धि करने लगातार ग्रामीणों से संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गिद्धों की विलुप्त का मुख्य कारण डायक्लोफेनेक है। जिसे दवा के रूप में इस्तेमाल कर लोग मवेशियों को देते थे। जब गिद्ध मरे हुए जानवरों को खाते थे। उसके बाद से उनकी मृत्यु हुई और देश के कई प्रदेशों में इनकी संख्या कम हुई। उन्होंने बताया कि गांव-गांव में प्रचार माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि कौन सी दवा इस्तेमाल किया जा रहा हैं। डिप्टी डायरेक्टर धम्मशील के मुताबिक यहां गिद्धों के बचने का कारण ग्रामीणों द्वारा जड़ी बूटियों का उपयोग हैं। जिनकी वजह से वे बच रहे है और उनकी संख्या में भी वृद्धि हो रही है।

MadhyaBharat 5 February 2023

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