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कांकेर। जिले के पखांजुर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संयुक्त मंच ने अपनी छ: सूत्रीय मांगों को लेकर विगत 23 जनवरी से हड़ताल एवं धरने पर बैठी हैं। संघ का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों की चॉबी देने, मानदेय रोकने और काम से बर्खास्त करने की धमकी देने का संचालनालय के द्वारा आदेश जारी किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आदेश को मनाने से इंकार कर दिया है। शुक्रवार को संचालनालय के द्वारा जारी आदेश की कॉपी जलाकर प्रर्दशन किया गया।
पखांजुर आगनबाड़ी संघ की प्रांतीय महासचिव अंजू मल्लिक ने बताया कि 06 सूत्रीय मांगो की पूर्ति एवं दमन की कार्रवाई पर रोक लगाने हेतु मांग पत्र दिया गया है। ज्ञात हो कि विगत चार वर्षों से हम अपने मांगो को लेकर आंदोलन करते रहे, लेकिन सरकार द्वारा केवल आश्वासन ही दिया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच ने विगत 30 दिसम्बर को शासन-प्रशासन को अपने मांगो के बारे में सूचना दी गई थी, लेकिन अब तक चर्चा के लिए नहीं बुलाया गया है, उल्टा दमन करने पर तुली हुई है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 2014 के चुनाव में आंगनबाड़ी के महिलाओं से कांग्रेस को जितने की अपील करते हुए कलेक्टर दर देने का वादा किया था और अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी कहा था, लेकिन 04 साल व्यतीत होने के बावजूद भी एक रुपया की वृद्धि नहीं किया गया। आंगनबाड़ी की महिलाएं इस बजट से बहुत उम्मीदें लगा रखी है। इस दौरान प्रांतीय महासचिव अंजू मल्लिक, उपाध्यक्ष सीमा बाड़ी, बसंती विश्वास, तृप्ति वर्मा, रीता सेन, मनीषा बैरागी, प्रिती साहा, राखी विश्वास, ब्यूटी, रिंकू, अरूणा, शिखा गाइन, सुजाता सरकार, सलमा, दीपाली तालुकदार व अन्य मौजूद थे।
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