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इटारसी News


Amazing coincidence on Rakshabandhan after 90 years

  मध्यप्रदेश : सावन के अंतिम या पांचवे सोमवार पर 19 अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग, रवि योग और श्रावण नक्षत्र का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इन सभी योगों को बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा दुर्लभ संयोग पूरे 90 साल बाद बन रहा है. ज्योतिष पदम् भूषण स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य डॉ पंडित गणेश शर्मा ने बताया कि वैसे तो सावन का पूरा महीना ही विशेष होता है, लेकिन सावन में पड़ने वाले सोमवार का खास महत्व होता है। खासकर अंतिम सावन सोमवार को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। जो लोग किसी कारण सावन में किसी सोमवार का व्रत नहीं रख पाते, वो अंतिम सावन सोमवार का व्रत जरूर रखते है. इस वर्ष सावन की शुरुआत शिवजी के प्रिय वार सोमवार के दिन से हुई है और इसकी समाप्ति भी सोमवार के दिन ही होगी। यानी सावन माह के पहले दिन पहला सावन सोमवार व्रत रखा गया और अंतिम दिन ही आखिरी सावन सोमवार व्रत रखा जाएगा, जोकि 19 अगस्त को पड़ रहा है। इस दिन सावन पूर्णिमा और रक्षाबंधन भी होगा। सावन के अंतिम या पांचवे सोमवार पर 19 अगस्त 2024 को सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग, रवि योग और श्रावण नक्षत्र का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इन सभी योगों को बहुत ही शुभ माना जाता है। वहीं सावन के आखिरी दिन ही सोमवार पड़ने से इसकी महत्ता काफी बढ़ जाती है। ऐसा दुर्लभ संयोग पूरे 90 साल बाद बन रहा है, जिसका शुभ प्रभाव कई राशियों पर पड़ेगा। इस बार रक्षाबंधन के दिन चार अद्भुत संयोग बन रहे है. वैदिक पंचांग के अनुसार 19 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा और रक्षाबंधन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग और श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है।  रक्षासूत्र की डोर भाई बहन के रिश्ते को अटूट बना सकती है। इस बार रक्षाबंधन के दिन ग्रहों का ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है। करीब 90 साल बाद रक्षाबंधन के दिन 4 शुभ महासंयोग बन रहे हैं। ग्रह-नक्षत्रो का यह अद्भुत संयोग भाई बहन के रिश्ते को और मजबूत करेगा। इस बार रक्षाबंधन के दिन चार अद्भुत संयोग बन रहे है। वैदिक पंचांग के अनुसार 19 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा और रक्षाबंधन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग और श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है। इसके अलावा इस दिन सावन का अंतिम सोमवार भी है। ऐसे में यह दिन बेहद शुभ साबित होगा। रात 8 बजकर 40 मिनट तक रहेगा ये दो योग. 19 अगस्त को सुबह से लेकर रात 8 बजकर 40 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग और रवियोग है। सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए सभी कार्यों में सिद्धियां प्राप्त होती है। ऐसे में इस समय में रक्षासूत्र बांधा जाए तो भाइयों पर आने वाली सभी बालाएं दूर होंगी और उन्हें आरोग्य होने का का वरदान भी मिलेगा,परंतु भद्रा रहने के कारण राखी नही बांध सकते हैं. पंडित शर्मा ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार 18 अगस्त को रात 2 बजकर 21 मिनट से भद्रा कि शुरूआत हो रही है जो अगले दिन 19 अगस्त को 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। यह भद्रा पाताल लोक का भद्रा होगा। भद्रा काल में रक्षा सूत्र बांधने शुभ नहीं माना जाता है, ऐसे में 19 अगस्त को दोपहर में 1 बजकर 32 मिनट के बाद रक्षासूत्र बांधा जाएगा.  बाला जी ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश शर्मा के अनुसार 19 अगस्त सोमवार को 1.33 दोपहर से शाम 7 बजे तक विशेष मूहर्त 5 घंटे तक रहेगा इसके अलावा 1 बजकर 33 मिनट से लेकर शाम 9 बजकर 25 मिनट तक रक्षासूत्र बांधने का शुभ समय है। इस समय में रक्षासूत्र बांधने से भाइयों को दीर्घायु के आशीर्वाद के साथ ऐश्वर्य और सौभाग्य का वरदान भी मिलेगा. 

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 MadhyaBharat  13 August 2024

MP ministers got charge of the district

मध्यप्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले सोमवार (12 अगस्त) को जिले के प्रभारी मंत्रियों के नामों का ऐलान किया. मध्य प्रदेश के मंत्रियों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई है. प्रदेश के के 32 मंत्रियों लगभग सभी जिलों की जिम्मेदारी मिल गई है.  कई मंत्रियों को एक से ज्यादा जिले दिए गए हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 8 महीने बाद मध्य प्रदेश के सभी जिलों में प्रभारी मंत्री बनाने का ऐलान कर दिया है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने खुद जबलपुर, इंदौर जिले का प्रभार अपने पास रखा है.  मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा को जबलपुर और देवास और राजेंद्र शुक्ल को सागर और शहडोल की जिम्मेदारी दी गई है. जैसा कि पहले ही कहा जा रहा था कि सीनियर मंत्रियों को बड़े जिलों की जिम्मेदारी दी जाएगी, ठीक उसी प्रकार से प्रभार वितरित किए गए हैं. कुंवर विजय शाह को रतलाम और झाबुआ, कैलाश विजयवर्गीय को सतना और धार, प्रहलाद सिंह पटेल को भिंड और रीवा,  राकेश सिंह को छिंदवाड़ा और नर्मदापुरम, करण सिंह वर्मा को मुरैना और सिवानी, उदय प्रताप सिंह को बालाघाट और कटनी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसी तरह संपतिया उईके को सिंगरौली और अलीराजपुर, तुलसी सिलावट को ग्वालियर और बुरहानपुर, एदल सिंह कंसाना को दतिया और छतरपुर, निर्मला भूरिया को मंदसौर और नीमच, गोविंद सिंह राजपूत को नरसिंहपुर और गुना, विश्वास सारंग को हरदा और खरगोन का जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा नारायण सिंह कुशवाहा को शाजापुर और निवाड़ी, नागर सिंह चौहान को आगर और उमरिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर को शिवपुरी और पांढुरना, चैतन्य कश्यप को भोपाल और राजगढ़, इंदर सिंह परमार को पन्ना और बड़वानी, राकेश शुक्ला को श्योपुर और अशोक नगर, रामनिवास रावत को मंडला और दमोह का प्रभार मिला है.  मध्य प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री कृष्णा गौर को सीहोर और टीकमगढ़, धर्मेंद्र सिंह लोधी को खंडवा, दिलीप जायसवाल को सीधी और गौतम टेटवाल पर मुख्यमंत्री मोहन यादव के गृह जिला उज्जैन का प्रभार दिया गया है. इसी क्रम मेंलखन पटेल को विदिशा और मऊगंज, नारायण सिंह पवार को रायसेन, नरेंद्र पटेल को बैतूल, प्रतिमा बागरी को डिंडौरी, दिलीप अहिरवार को अनूपपुर और राधा सिंह को मेहर का प्रभार दिया गया है

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 MadhyaBharat  13 August 2024

itarsi,  scorching heat,  railway line

इटारसी। मध्य प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। प्रदेश में कई इलाकों में तापमान 45 डिग्री के पार हो गया है। भीषण गर्मी के चलते बुधवार को जबलपुर-इटारसी रेल ट्रैक पर गुर्रा और इटारसी के बीच रेलवे लाइन की पटरियां फैलकर टेढ़ी हो गईं। दुर्घटना की संभावना के चलते रेलवे ट्रैक को तुरंत बंद कर दिया गया। मरम्मत बाद ट्रैक पर दोबारा ट्रेन का परिचालन शुरू किया गया। इस दौरान अप रेलवे लाइन पर ट्रेनों का परिचालन करीब तीन घंटे तक बंद रहा। जानकारी अनुसार बुधवार सुबह 10.10 बजे गुर्रा और इटारसी के बीच में लाइन टेढ़ी होने की जानकारी पर पेट्रोलिंग स्टाफ ने सतर्कता बरतते हुए तत्काल पटरी पर डेंजर बोर्ड लगा दिए। इसी समय भुसावल से मालगाड़ी इटारसी की तरफ आ रही थी। मालगाड़ी के ड्राइवर ने पटरी पर डेंजर बोर्ड देखकर मालगाड़ी खड़ी कर दी। इसके बाद इस ट्रैक पर रेल यातायात रोक दिया गया। इसके बाद इंजीनियरिंग विभाग पटरियों को ठीक कराने में जुट गया। करीब तीन घंटे बाद दोपहर 1.05 पर फिर से ट्रैक शुरू हो सका। रेलवे अधिकारियों के अनुसार संभवतः अत्यधिक तापमान के कारण पटरियां फैल गईं हैं, इस वजह से इस रूट का यातायात प्रभावित हुआ है। हादसे के कारण कई ट्रेनों को गुर्रा के पहले खड़ा किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि समय रहते पटरियों को देख लिया गया, जिससे किसी भी तरह का हादसा होने से टल गया। पीछे आने वाली सभी ट्रेनों को स्टेशनों पर रोका है। कई ट्रेनों को पिपरिया, सोहागपुर एवं अन्य स्टेशनों पर खड़ा किया गया है। ट्रेक मरम्मत के चलते 2235 भागलपुर एक्सप्रेस को गुर्रा, 01118 स्पेशल ट्रेन को सोनतलाई, 12296 संघमित्रा एक्सप्रेस को बागरातवा, 12166 रत्नागिरि एक्सप्रेस को बनखेड़ी स्टेशन पर इसके बाद पीछे अन्य ट्रेनों को खड़ा करना पड़ा।

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 MadhyaBharat  14 June 2023

 ACCIDENT

पेड़ से टकराई खिलाडियों की कार के परखच्चे उड़े   होशंगाबाद-इटारसी के बीच आज सुबह भीषण सड़क हादसे में हॉकी के चार नेशनल खिलाड़ियों की मौत हो गई  |  हादसा NH-69 पर उस वक्त हुआ जब खिलाड़ियों की कार रैसलपुर के पास पेड़ से टकरा गई |  टक्कर इतनी भीषण थी कि हॉकी खिलाड़ियों की कार के परखच्चे उड़ गए और कार के अंदर बैठे तीन खिलाड़ियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया  | और चार गंभीर रूप से घायल  हो गए  |  चारो  खिलाड़ी होशंगाबाद में चल रही ध्यानचंद्र ट्राफी में खेलने इटारसी से होशंगाबाद जा रहे थे |    आज सुबह हॉकी खिलाड़ियों की कार रैसलपुर के पास पेड़ से टकरा गई |  टक्कर इतनी भीषण थी कि हॉकी खिलाड़ियों की कार के परखच्चे उड़ गए और कार के अंदर बैठे तीन खिलाड़ियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया  | स्थानीय लोगों को जैसे ही हादसे की सूचना मिली वो मौके पर दौड़े और घायलों को होशंगाबाद के नर्मदा  अस्पताल में पहुंचाया  |  जहां एक और घायल खिलाड़ी ने दम तोड़ दिया  |  वहीं 3 अन्य की हालत गंभीर बताई जा रही है |   ये सभी खिलाड़ी होशंगाबाद में चल रहे ध्यानचंद नेशनल हॉकी ट्रॉफी में शामिल होने के लिए आ रहे थे  |  ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि ये सभी अपने एक साथी का जन्मदिन मनाने के लिए इटारसी आए थे और आज सुबह जब मैच खेलने के लिए होशंगाबाद आ रहे थे  |  तब ये हादसा हो हुआ  |  मृतकों की पहचान  इंदौर शाहनवाज खान  | इटारसी के  आदर्श हरदुआ  |  जबलपुर के  आशीष लाल और ग्वालियर के अनिकेत  के रूप में हुई है  |  ये सभी मध्य प्रदेश की हॉकी एकेडमी के खिलाड़ी थे  |  होशंगाबाद कलेक्टर ने बताया की  | प्राथमिक जांच में पता चला की  एक गाड़ी ओवरटेक कर रही थी |  जिसको बचाने के चक्कर में ब्रेक लगाने के कारण यह  हादसा हो गया  |  घायलों का अस्पताल में  इलाज किया जा रहा है  | प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद दी जा रही है |  ये सभी राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाडी हैं  | मुख्यमंत्री  कमलनाथ ने  ट्वीट कर दुर्घटना में मृत खिलाडियों के परिवारों के  प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है |  जनसम्पर्क मंत्री पी सी शर्मा ने खिलाडियों की मौत पर दुःख व्यक्त किया  | और कहा की जो खिलाड़ी घायल हुए है उनकी हर  संभव मदद  की जाएगी  .|   

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 MadhyaBharat  14 October 2019

रेलवे बीना-इटारसी में सोलर ऊर्जा से बिजली पैदा करेगा

भोपाल रेलवे स्टेशन के बाद अब रेलवे बीना और इटारसी में भी सोलर ऊर्जा से बिजली पैदा करेगा। इसे लेकर रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है। बीना में सोलर प्लांट बनाने का काम शुरू कर दिया है। यहां 1000 मेगावाट बिजली पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है। इटारसी में भी सोलर ऊर्जा से बिजली बनाने का प्लान है। लेकिन, बीना में प्रस्तावित प्लांट का काम पूरा होने के बाद इटारसी में काम चालू किया जाएगा। सोलर ऊर्जा से बनने वाली बिजली का उपयोग रेलवे स्टेशन व रेलवे में दफ्तरों में किया जाएगा। इन दो सेक्शनों में बिजली उपयोग करने के बाद जो बिजली बचेगी उसे ओएचई लाइन से जोड़कर ट्रेनों के संचालन में दी जाएगी। भोपाल स्टेशन के प्लेटफार्म के शेडों की छतों पर सोलर पैनल लगाए गए थे। यह काम गुजरात की एक निजी कंपनी को दिया गया था। कंपनी ने पांच प्लेटफार्म के शेडों पर ये पैनल लगवा कर बिजली बनाना शुरू कर दिया है। एक प्लेटफार्म पर 150 मेगावाट बिजली बनाने का लक्ष्य रखा है। इस तरह 750 मेगावाट बिजली बनाने का लक्ष्य है। इसमें से करीब 50 फीसदी बिजली बनने लगी है, जो स्टेशन के उपयोग में खर्च की जा रही है। वहीं भोपाल स्टेशन की तर्ज पर हबीबगंज स्थित डीआरएम दफ्तर की छत पर भी सोलर पैनल लगाए गए हैं, यहां भी बिजली बन रही है जो दफ्तरों में उपयोग की जा रही है। भोपाल रेल मंडल में सोलर पैनल से 1000 मेगावाट बिजली पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह बिजली अकेले रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्मों पर लगे शेडों की छतों पर पैनल लगाकर बनाई जानी है। बीना प्लांट में तो अलग से बिजली तैयार की जाएगी। प्लेटफार्मों के शेड पर जो कंपनी सोलर पैनल से बिजली तैयार कर रही है वह रेलवे को फ्री में बिजली नहीं देगी। बल्कि रेलवे को एक यूनिट बिजली के बदले 5 रुपए 20 पैसे तक चुकाने होंगे। ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि सिस्टम लगाने का काम निजी कंपनियां कर रही हैं। रेलवे ने इन कंपनियों को केवल प्लेटफार्म के शेड की छतें दी हैं, बाकी का पूरा खर्च कंपनियां ही उठा रही हैं। इसलिए पैदा होने वाली बिजली पर कंपनी का ही हक होगा। रेलवे को शुल्क चुकाकर बिजली खरीदनी होगी। डीआरएम शोभन चौधरी का कहना है सोलर ऊर्जा से बिजली तैयार करने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। भोपाल में बिजली बनने लगी है। अगला लक्ष्य बीना का है। सोलर ऊर्जा से बिजली बनाने से पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा। प्राकृतिक संसाधन के दोहन से भी बच सकेंगे

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 MadhyaBharat  26 December 2018

ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री

ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का बेस्ट डेस्टिनेशन होगा एमपी    ऑटो मोबाइल और इंजीनियरिंग पर विशेष सत्र में उद्योग मंत्री श्री शुक्ल   वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री  राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि अगले 10 साल में प्रतिवर्ष देश में 6 करोड़ 50 लाख वाहन निर्मित होंगे। ऑटोमोबाइल और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विद्यमान सुविधाओं और प्रशिक्षित मानव संसाधन की उपलब्धता के परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिये बेस्ट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि विश्व के स्थापित ऑटोमोबाइल ब्रांड वाल्वो के भारत में विद्यमान 8 में से 7 प्लांट मध्यप्रदेश में संचालित है। श्री शुक्ल ने यह जानकारी ऑटोमोबाइल तथा इंजीनियरिंग पर केन्द्रित सत्र में दी। उद्योग आयुक्त श्री व्ही.एल. कान्ताराव भी मौजूद थे। एमएसएमई मंत्री  संजय सत्येन्द्र पाठक ने कहा कि मध्यप्रदेश एमएसएमई मंत्रालय पृथक से गठित करने वाला देश का अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में संचालित एन्सीलरी इकाईयाँ एमएसएमई मंत्रालय में आती हैं। प्रदेश में वोल्वो के आने से 65 से अधिक एन्‍सीलरी का संचालन शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में बड़ी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री स्थापित हों, जिससे एंसीलरी संचालन और रोजगार के अधिक से अधिक अवसर निर्मित होंगे। श्री पाठक ने कहा कि राज्य शासन सिक यूनिट की सहायता के लिये भी संवेदनशील है। ऑटोमोबाइल तथा इंजीनियरिंग सत्र में भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय की संस्था नेट्रीक्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  संजय बंदोपाध्याय ने बताया कि पीथमपुर में वर्ष 2006 से संचालित ऑटो टेस्टिंग ग्राउण्ड एशिया का सबसे बड़ा टेस्टिंग ग्राउण्ड है। यहाँ 14 प्रकार के टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है। सत्र में आयशर समूह के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  विनोद अग्रवाल ने स्मार्ट मेन्युफेक्चरिंग पर प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि पीथमपुर के प्लांट में बनने वाले इंजन यूरोप के ट्रकों में लगाये जा रहे हैं। सत्र में आयशर के  दिनेश मुनु ने कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग की निरंतर सफलता के लिये ऑटो-पार्ट निर्माण और आपूर्ति की सशक्त तथा समयबद्ध सप्लाई चेन आवश्यक है। श्री मुनु ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि पीथमपुर में औद्योगिक भू-खण्ड आवंटन के लिये उन्होंने नेट पर आवेदन किया था और समस्त प्रक्रिया के बाद एक माह में उन्हें भू-खण्ड आवंटन संबंधी पत्र प्राप्त हो गया। ट्रायफेक के एमडी  डी.पी. आहूजा ने जानकारी दी कि पीथमपुर और देवास में 90 बड़ी तथा 700 लघु एवं मध्यम इकाइयाँ संचालित हैं, जो सीधे 25 हजार लोगों को रोजगार दे रही हैं। सत्र में वेण्डर डेव्हलपमेंट प्रोग्राम, सर्विस इंडस्ट्री के लिये प्रावधान और इंक्युबेशन सेंटर की भी जानकारी दी गई।  

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 MadhyaBharat  23 October 2016

विख्यात गिटारवादिका कमला शंकर को राष्ट्रीय कुमार गन्धर्व सम्मान

देश की जानी-मानी युवा गिटार वादिका डॉ. कमला शंकर को मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित राष्ट्रीय कुमार गन्धर्व सम्मान से विभूषित किया जायेगा। संस्कृति विभाग की ओर से प्रदान किया जाने वाला यह सम्मान वर्ष 2009-10 के लिए वादन के क्षेत्र में दिया जाना था। डॉ. कमला शंकर को राष्ट्रीय कुमार गन्धर्व सम्मान 8 अप्रैल को देवास में कुमार गन्धर्व संगीत समारोह के गरिमापूर्ण अवसर पर दिया जायेगा।संस्कृति एवं जनसम्पर्क मंत्री लक्ष्मीकान्त शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सम्मान के लिए डॉ. कमला शंकर के नाम का प्रस्ताव, सम्मान के लिए गठित चयन समिति द्वारा पिछले दिनों आयोजित बैठक में किया गया। इस सम्मान के अन्तर्गत एक लाख पच्चीस हजार रुपए की आयकरमुक्त राशि, सम्मान-पट्टिका, शाल और श्रीफल प्रदान किया जाता है।डॉ. कमला शंकर का जन्म तंजोर में हुआ। जहाँ से बाद में उनका परिवार आकर वाराणसी में बस गया। वे संगीत को समर्पित परिवार में जन्मी एवं गिटार वादन के साथ-साथ आरम्भ में गायन की शिक्षा भी प्राप्त की। डॉ. कमला शंकर के संगीत परिष्कार में पण्डित गोपाल शंकर मिश्र, पण्डित छन्नूलाल मिश्र एवं पण्डित बिमलेन्दु मुखर्जी जैसे विशिष्ट कलाकारों का बड़ा योगदान रहा है जिनके सान्निध्य में उन्होंने अपनी कला और साधना का परिमार्जन और विस्तार किया। डॉ. कमला शंकर ने गिटार में मौलिक परिवर्तन एवं नवाचार के साथ उसे शंकर गिटार के रूप में परिवर्धित किया और अपनी सृजनात्मकता से उसे शास्त्रीय संगीत के रसिक श्रोताओं के बीच प्रतिष्ठित किया। देश-दुनिया में उनकी प्रस्तुतियों को सराहा गया है।

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