
आगरमालवा। जिले के नलखेड़ा थानान्तर्गत ग्राम लटूरी गेहलोत में गुरुवार को हुए मृत्युभोज के कार्यक्रम में भोजन करने के बाद 184 से अधिक लोग फूड पाइजनिंग का शिकार हो गए। जानकारी के अनुसार कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल हुए ग्रामीणों को भोजन के बाद उल्टी-दस्त की शिकायत होने लगी। जब बड़ी संख्या में ग्रामीण बीमार हुए तो शुक्रवार को प्रशासन को सूचना दी गई। इसके बाद ग्राम में आज पहुंचे स्वास्थ्य अमले ने ग्रामीणों का उपचार शुरू किया तथा खाने और पानी का सैंपल लिया। वही कुछ लोग ऐसे भी है जो मृत्युभोज में शामिल नहीं हुए लेकिन उन्हें भी उल्टी दस्त की शिकायत हुई है। मृत्युभोज कार्यक्रम में 200 से अधिक लोग शामिल हुए थे। इस दौरान नुकती (बूंदी), सेव, बर्फी, गुलाब जामुन, सब्जी पूड़ी खाने के बाद ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ने लगी। जब बड़ी संख्या में लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत हुई तो प्रशासन को सूचना दी गई। इसके बाद सुसनेर एसडीएम सोहन कनास और सीएमएचओ एसएस मालवीय सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बीमारों का ग्राम में ही इलाज शुरू किया। शुक्रवार दोपहर तक करीब 184 लोगों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से किसी की भी स्थिति चिंताजनक नहीं है। मुख्य चिकित्सा एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी एसएस मालवीय ने बताया कि जानकारी मिलते ही हमने स्वास्थ अमला गांव भेज दिया है, और वहां पर सभी मरीजों का उपचार किया गया। सभी ठीक अवस्था में हैं, किसी की हालत खराब नहीं है। हमारी टीम गांव में ही मरीजों का उपचार कर रही है। जिला खाद्य अधिकारी केएल कुंभकार ने बताया कि फूड पाइजनिंग की शिकायत मिलने पर शुक्रवार को लटूरी गहलोत में गिरिराज पाटीदार के यहां जांच की गई। जहां गुरुवार को मृत्यु भोज कार्यक्रम होना पाया गया। जिसमें जो भोजन सामग्री बची थी उसमें नुकती (बूंदी), सेव और बर्फी के सैंपल लिए गए हैं। जिसकी जांच की जाएगी। इसके साथ ही गांव के पानी के स्रोतों की जांच भी करवाई जा रही है। इसके लिए पीएचई विभाग के अधिकारी कर्मचारी गांव पहुंचे, और उनके द्वारा जो व्यक्ति बीमार हैं उनके घर के पानी का सैंपल लेने के साथ गांव में आने वाले पानी के स्रोत का सैंपल भी लिया गया है जिसकी जांच आगरमालवा की लैबोरेटरी में करवाई जाएगी।
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