भोपाल। मप्र विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने मोर्चा संभाल लिया है। कांग्रेस के दिग्गज नेता खुद मैदान में उतर कर जनता से वोट मांग रहे है और भाजपा पर जमकर निशाना साध रहे हैं। आज मंगलवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शहडोल के ब्यौहारी में कांग्रेस की विशाल जन आक्रोश जनसभा में पहुंचे। यहां जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी जी की किताब में मध्य प्रदेश को आरएसएस और बीजेपी की प्रयोगशाला बताया गया है।
राहुल गांधी ने कहा कि जब मैं अपने भाषण की तैयारी कर रहा था तो मैंने सोचा कि बीजेपी और आरएसएस के लोग इस कथित प्रयोगशाला में करते क्या हैं? मैं आपको कुछ उदाहरण देना चाहता हूं, यहां मरे हुए लोगों का इलाज होता है, यह किसी और राज्य में नहीं होता, एमपी में शिव जी का नाम लेकर महाकाल कॉरिडोर में घोटाला किया जाता है, मिड-डे मील में चोरी की जाती है, बच्चों की स्कूल यूनिफॉर्म में चोरी की जाती है, मध्य प्रदेश के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जाता है, एमबीबीएस की सीट बेची जाती है और पटवारी की नौकरी यहां 15 लाख में बेची जाती है।
राहुल गांधी ने कहा कि लेकिन यह सब यही नहीं रुकता, 18 साल में 18 हजार किसान यहां आत्महत्या करते हैं, भाजपा की प्रयोगशाला में तीन किसान रोज यहां आत्महत्या करते हैं, मंदसौर में किसानों को गोली मारी जाती है, लगातार बलात्कार होते हैं, इस प्रयोगशाला में भोपाल में एक लड़की से छेड़छाड़ की जाती है, उसका भाई बचाने जाता है तो उसकी पुलिस के सामने हत्या कर दी जाती है। लगातार निजीकरण इस प्रयोगशाला में हो रहा है। इस लैब में भाजपा नेता आदिवासियों पर पेशाब करते हैं। ये मतलब था आडवाणी जी का प्रयोगशाला के संदर्भ से।
आदिवासियों का जमीन पर सबसे पहला हक
राहुल गांधी ने कहा कि आदिवासियों के बारे में कमलनाथ ने जब बात की तो उन्होंने उनको आदिवासी कहकर संबोधित किया वनवासी नहीं। आदिवासी का मतलब जो लोग इस देश में पहले से रहते आए और जो यहां के मालिक हैं। आदिवासी मतलब जिनका जंगल, जल, जमीन पर सबसे पहला हक है। वहीं वनवासी का मतलब कि आपका हक नही है, मतलब भाजपा नेता आप पर पेशाब कर सकता है, मतलब कोविड काल में आपको जानवरों से भी बदतर खाना दिया जाएगा, मतलब आपको जंगल में रहना चाहिए, मतलब आपके बच्चे इंजीनियर, वकील नहीं बन सकते, आपको आवास योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
राहुल गांधी ने कहा कि हमारा मानना है कि आदिवासियों का जमीन पर सबसे पहला हक है, इसलिए हम पेसा कानून लाए, फॉरेस्ट राइट एक्ट लाए। पेसा कानून मतलब अगर किसी को आपकी जमीन चाहिए तो हाथ जोड़कर ग्राम सभा से पूछना पड़ेगा, बीजेपी का मानना है कि वनवासी का कोई हक नहीं। हमारी सरकार ने आपको 3.5 लाख आदिवासियों को जमीन के पट्टे दिए, भाजपा ने आपको धमकाकर, हिंसा व बल प्रयोग कर आपसे आपका अधिकार छीना। मैं आपको गारंटी देता हूं कि हमारी सरकार आएगी तो हम आपको आपकी जमीन का हक वापस देंगे।
हम जातिगत जनगणना करवाएंगे
राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार चलाने वाले 90 सचिव में से केवल 3 ओबीसी हैं, बजट का 5 पर्सेंट केवल ओबीसी अधिकारी डिसाइड करते हैं, 100 रुपए में से 5 रुपए का निर्णय केवल ओबीसी के अधिकारी करते हैं, वहीं 100 रुपए में से केवल 10 पैसे का निर्णय आदिवासी अधिकारी करते है। दलित, आदिवासी एवं पिछड़ों को अपना अधिकार मिल सके, इसके लिए हमने जाति आधारित जनगणना की मांग की है। इन सबको अपना अधिकार मिल सके इसलिए हम जातिगत जनगणना करवाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी पर साधा निशाना
राहुल गांधी ने कहा कि मोदीजी पहले आदिवासियों को वनवासी कहते थे, मैंने कहा कि मोदीजी आदिवासियों का अपमान मत करो, तो उन्होंने वनवासी कहना बंद कर दिया, मुंह से आदिवासी, दिल में वनवासी। हमारे दिल में आदिवासी, दिमाग में आदिवासी, मुंह से आदिवासी, कर्म से आदिवासी। उन्होंने कहा कि हम आदिवासियों को जमीन का हक देंगे, जातीय जनगणना हम कराएंगे। छत्तीसगढ़, कर्नाटक एवं राजस्थान में हमनें ये शुरुवात कर दी है, मध्य प्रदेश में हमारी सरकार बनते ही पहला काम हम जातीय जनगणना का काम शुरू करेंगे। दलित, आदिवासी, पिछड़ों की आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा है तो 90 में से केवल 3 सचिव ओबीसी क्यों? हम इस व्यवस्था को बदलेंगे, इसका पहला कदम होगा जाति आधारित जनगणना।